‘देश को 2047 तक विकसित भारत बनने के लिए 8-9% की ग्रोथ की जरूरत’, बोले रघुराम राजन – Raghuram Rajan says India needs 8 to 9 percent growth to become Viksit Bharat by 2047 ntc
देश के पूर्व RBI गवर्नर और प्रख्यात अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने इंडिया टुडे टीवी के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई के साथ खास बातचीत में कहा कि मैं ये बात बहुत समय से कहता आ रहा हूं कि अगर भारत को 2047 तक विकसित देश (Viksit Bharat) बनना है, तो हमें 8, 8.5 से 9% की वृद्धि की आवश्यकता है, क्योंकि हम अभी भी अपेक्षाकृत गरीब देश हैं.
रघुराम राजन ने बयान उस समय दिया है जब भारत ने अशांत वैश्विक माहौल में मजबूत जीडीपी आंकड़े पेश किए हैं. वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में 7.4 प्रतिशत और पूरे वर्ष में 6.5 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि हुई है. हालांकि राजन ने माना कि ये दर काफ़ी सराहनीय है, खासकर जब चुनावों के कारण सरकारी खर्च में देरी हुई और सांख्यिकीय आंकड़ों में अस्थायी उतार-चढ़ाव देखा गया.
उन्होंने चेतावनी दी कि अब संतुष्ट होकर बैठने का समय नहीं है, ये आराम करने का वक्त नहीं है. यह भारत के लिए एक अच्छा समय हो सकता है, हमें इसका लाभ उठाना होगा. उन्होंने कहा कि उच्च विकास दर बनाए रखने के लिए निवेश को बढ़ावा देना, खपत का दायरा बढ़ाना और देशी-विदेशी निवेशकों को भारतीय अर्थव्यवस्था पर भरोसा दिलाना जरूरी है.
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‘कुछ धीमापन आने वाला है’
रघुराम राजन ने वैश्विक अनिश्चितताओं को भारत की वृद्धि की गति में रुकावट लाने वाला एक बड़ा कारण बताया. उन्होंने विशेष रूप से अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी और टैरिफ को लेकर बढ़ती अनिश्चितता को लेकर चिंता जताई. साथ ही कहा कि कुछ धीमापन आने वाला है. उनका मानना है कि इससे व्यापारिक माहौल अस्थिर हो सकता है और निवेशकों को निर्णय लेने में संकोच हो सकता है. हालांकि, उन्होंने कुछ सकारात्मक संकेतों की ओर भी इशारा किया जैसे कि इस वर्ष अनुकूल मानसून की संभावना और ग्रामीण क्षेत्रों में मांग में सुधार. उन्होंने कहा कि ये न केवल आर्थिक दृष्टि से बेहतर है बल्कि इससे सामाजिक असमानता भी कम होती है.
‘आम नागरिक की आय जीडीपी रैंकिंग से ज्यादा अहम’
राजन ने हाल ही में सामने आए उस आंकड़े को लेकर भी टिप्पणी की जिसमें भारत की अर्थव्यवस्था के जल्द ही जर्मनी को पीछे छोड़ने की संभावना जताई गई है. उन्होंने कहा कि यह एक उपलब्धि है, हमें खुशी जरूर होनी चाहिए कि हम आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन यह न भूलें कि हम औसत रूप से अब भी इन देशों से बहुत गरीब हैं. उन्होंने बताया कि जीडीपी रैंकिंग से ज्यादा अहम है आम नागरिक की आय. औसत नागरिक के लिए जो मायने रखता है वह यह है कि वे कितने अमीर हैं, न कि जीडीपी रैंकिंग. क्योंकि हम दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाले देश हैं.
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‘भारत का टाइम आ गया’
राजन ने इस बात पर जोर दिया कि भारत को अब आय बढ़ाने और व्यापक समृद्धि बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, न कि केवल शीर्ष आर्थिक रैंकिंग हासिल करने पर. उन्होंने कहा कि हमें यह सोचने की जरूरत है कि हम अगले 5-10-15 वर्षों में कैसे दिखेंगे. हमें अपनी आबादी को कुशल बनाने के लिए बहुत मेहनत करने की जरूरत है, हमें सेवाओं में नई नौकरियां पैदा करने के लिए बहुत मेहनत करने की जरूरत है. साथ ही निर्यात के नए स्रोत बनाने के लिए बहुत मेहनत करने की जरूरत है. राजन ने कहा कि भारत का ‘टाइम’ आ गया है, लेकिन इसके लिए निरंतर नीतिगत कार्रवाई की जरूरत है. उनका मानना है कि 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है, लेकिन केवल उस विकास के साथ जो सभी वर्गों को ऊपर उठाता है.