नारी शक्ति को सैल्यूट, आतंकियों पर वार, गोली का जवाब गोले से… भोपाल में PM मोदी की स्पीच की बड़ी बातें – Important points of PM Modi speech in Bhopal Salute to Nari Shakti attack on terrorists goli ka jawab gole se ntc
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भोपाल का दौरा किया. वह लोकमाता देवी अहिल्याबाई महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन में शामिल हुए और जंबूरी मैदान में एक जनसभा को संबोधित किया. यहां से प्रधानमंत्री ने महिला सशक्तिकरण का मजबूत संदेश दिया. इस पूरे आयोजन की जिम्मेदारी महिलाओं को सौंपी गई थी.
1. ‘मेरा सौभाग्य है…’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘देवी अहिल्या बाई ने 300 साल पहले हमें काम बताया था. उन्होंने किसानों की आय बढ़ाने के लिए कपास की खेती को प्रोत्साहित किया. मेरा सौभाग्य है कि मुझे एक आदिवासी बेटी, जो आज भारत के राष्ट्रपति के पद पर विराजमान है, उनके मार्गदर्शन में मुझे आदिवासी भाई-बहनों की सेवा करने का मौका मिला है. देवी अहिल्या हुनर की पारखी थीं. वह जूनागढ़ से कुछ परिवारों को महेश्वर लेकर आई थीं. कालोनी साथ जोड़कर उन्होंने 300 साल पहले महेश्वरी साड़ियों का काम आगे बढ़ाया.’
2. ‘देवी अहिल्याबाई ने काशी में बहुत काम किए’
उन्होंने कहा, ‘देवी अहिल्याबाई का नाम सुनते ही श्रद्धा का भाव उमड़ पड़ता है. परिस्थिति कैसी भी हो, परिणाम लाकर दिखाया जा सकता. अग्रेजों के दौर में उन्होंने कई महान काम किए. आज उनके कामों को याद किया जा रहा. वह हमेशा शिवलिंग अपने साथ लेकर चलती थीं. उन्होंने गरीब को समृद्ध बनाने का काम किया. जब मंदिरों पर हमले हो रहे थे तब उन्होंने इनके संरक्षण का काम किया. देवी अहिल्याबाई ने काशी में बहुत काम किए. उस काशी में मुझे भी सेवा का मौका मिला. आज काशी में आपको देवी अहिल्याबाई की मूर्ति मिलेगी. देवी अहिल्याबाई ने गवर्नेंस की मिसाल पेश की. उद्योग बढ़ाने की दिशा में काम किया. नहरों का जाल बिछाकर विकास किया. 300 साल पहले ये काम हुए. हम आज उनके मार्ग पर चल रहे हैं.’
3. ‘आतंकियों के मददगारों को भी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी’
पीएम मोदी ने कहा, ‘सिंदूर हमारी परंपरा है, नारी शक्ति का प्रतीक है. राम रंग में रंगे हनुमान जी ने भी सिंदूर का श्रृंगार किया था. शक्तिपूजा में भी सिंदूर का अर्पण किया जाता है. यह सिंदूर शौर्य का प्रतीक बन गया. पहलगाम में आतंकियों ने सिर्फ भारतीयों का खून ही नहीं बहाया, उन्होंने हमारी संस्कृति पर भी प्रहार किया. हमारे समाज को बांटने की कोशिश की. आतंकवादियों ने भारत की नारी शक्ति को चुनौती दी है. यह चुनौती आतंकवादियों और उनके आकाओं के लिए काल बन गई.’ उन्होंने कहा, ‘ऑपरेशन सिंदूर आतंकवादियों के खिलाफ भारत के इतिहास का सबसे बड़ा और सफल ऑपरेशन है. पाकिस्तान ने सोचा तक नहीं था कि वहां आतंकी ठिकानों को हमारी सेना मिट्टी में मिला देगी. हमारी सेना ने सैकड़ों किलोमीटर भीतर घुसकर आतंकी ठिकानों को मिट्टी में मिला दिया. ऑपरेशन सिंदूर ने डंके की चोट पर कह दिया है कि आतंकवाद के जरिए प्रॉक्सी वार नहीं चलेगा. अब घर में घुसकर भी मारेंगे और जो आतंकियों की मदद करेगा उसको भी इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. भारत का एक-एक नागरिक कह रहा है कि अगर तुम गोली चलाओगे तो मान कर चलो कि गोली का जवाब गोली से ही दिया जाएगा.’
4. ‘MP को मिली पहली मेट्रो सुविधा’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘चुनौती कितनी भी बड़ी हो, भारत की बेटियां उस पर विजय पा सकती हैं. नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन हो या फिर सीमा पार का आतंक, आज हमारी बेटियां भारत की सुरक्षा की ढाल बन रही हैं. मैं आज देवी अहिल्या की इस पवित्र भूमि से देश की नारी शक्ति को फिर से सैल्यूट करता हूं. आज का भारत भी विकास और विरासत दोनों को साथ लेकर चल रहा है. आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण को गति मिल रही है. आज मध्य प्रदेश को पहली मेट्रो सुविधा मिली है. इंदौर पहले ही स्वच्छता के लिए दुनिया में अपनी पहचान बन चुका है. अब इंदौर की पहचान उसकी मेट्रो से भी होने जा रही है. यहां भोपाल में भी मेट्रो का काम तेजी से चल रहा है. मध्य प्रदेश में रेलवे के क्षेत्र में व्यापक काम हो रहा है.’
5. ‘हवाई नेटवर्क से जुड़े दतिया और सतना’
उन्होंने कहा, ‘आज दतिया और सतना भी हवाई यात्रा के नेटवर्क से जुड़ गए हैं. इससे बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में एयर कनेक्टिविटी बेहतर होगी. मां पीतांबरा, मां शारदा देवी और पवित्र चित्रकूट धाम के दर्शन करना और सुलभ हो जाएगा. भारत इतिहास के उस मोड़ पर है जहां हमें अपनी सुरक्षा, अपने सामर्थ्य और अपनी संस्कृति हर स्तर पर काम करना है. हमें अपना परिश्रम बढ़ाना है. इसमें हमारी मातृशक्ति, हमारी माता-बहनों और बेटियों की भूमिका बहुत बड़ी है. हमारे सामने देवी अहिल्याबाई जी की प्रेरणा है. रानी लक्ष्मीबाई, रानी दुर्गावती, कमलापति, अवंती बाई लोधी, सावित्रीबाई फुले ऐसे कई नाम हमें गौरव से भर देते हैं.’