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बकरीद के दिन कुर्बानी में काट दिया खुद का गला! पत्नी का दावा- पति को प्रेत उठाकर पटकता था – deoria man slit his own throat sacrifices himself on bakrid qurbani lclnt


उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले से एक सनसनीखेज वारदात सामने आई है. यहां बकरीद के पर्व पर ईसमुहम्मद अंसारी ने बकरा काटने वाले भुजाली नामक हथियार से अपनी गर्दन काटकर कुर्बानी दे दी. इस घटना से इलाके के लोग सन्न हैं. पुलिस ने मौके से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया है, जिसमें ईसमुहम्मद ने लिखा है कि इंसान बकरे को अपने बेटे की तरह पालता है और उसकी कुर्बानी देता है. वह भी एक जीव है. मैं अपनी कुर्बानी खुद अल्लाह के रसूल के नाम पर कर रहा हूं. किसी ने कत्ल नहीं किया है और मेरा कब्र खूंटे के पास बनाना उसी में दफनाना.

सुसाइड नोट में लिखा, ‘मैं अपनी कुर्बानी अल्लाह के नाम पर दे रहा हूं.’ इंसान बकरे को बेटे की तरह पालकर उसकी कुर्बानी देता है, वह भी एक जीव है. मैं अपनी कुर्बानी अल्लाह और रसूल के नाम पर कर रहा हूं. किसी ने मेरा कत्ल नहीं किया है. मेरी कब्र खूंटे के पास बनाना और वहीं दफनाना.’

तंत्र-मंत्र, दरगाहों और भूत-प्रेत की बात भी आई सामने
मृतक की पत्नी हाजरा खातून ने बताया कि उनके पति पर भूत-प्रेत का साया था और वे अक्सर आज़मगढ़ की दरगाह जाया करते थे. तीन दिन पहले ही दरगाह से लौटे थे. शनिवार को वे झोपड़ी में धूपबत्ती जलाकर तंत्र-मंत्र कर रहे थे, तभी अचानक वे खून से लथपथ गिर पड़े. पास में ही भुजाली (धारदार हथियार) पड़ा था. आनन-फानन में डायल 112 पर सूचना दी गई. पुलिस ने घायल को देवरिया मेडिकल कॉलेज और फिर गोरखपुर मेडिकल कॉलेज भेजा, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.

पुलिस ने की पुष्टि- खुद काटा गला
एडिशनल एसपी अरविंद कुमार वर्मा ने बताया कि यूपी 112 पर सूचना मिलने के बाद मौके पर पुलिस पहुंची और घायल को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया. उन्होंने बताया कि फील्ड यूनिट द्वारा मौके से जुटाए गए साक्ष्य और सुसाइड नोट के आधार पर प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या का मामला प्रतीत हो रहा है. अन्य पहलुओं की भी जांच की जा रही है.

परिवार में तीन बेटे–दो बेटियां
ईसमुहम्मद के परिवार में पत्नी, तीन बेटे अहमद, फैज़ और ताज अंसारी और दो बेटियां हैं. बेटियां शादीशुदा हैं. वे लेबर का काम करते थे, घर में ई-रिक्शा और आटा चक्की भी है. बड़ा बेटा मुर्गा काटने और बेचने का काम करता है. परिजनों और गांव वालों का कहना है कि ईसमुहम्मद का किसी से कोई विवाद नहीं था, वे शांत और धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे. बकरीद के दिन भी वे नमाज अदा कर घर लौटे थे और कुर्बानी की तैयारियों में लगे थे.

मृतक के भतीजे शमीम अंसारी ने बताया कि चाचा आज मस्जिद में मिले थे. उन्होंने किसी से कोई विवाद नहीं किया. कुर्बानी का दिन था, और उन्होंने खुद की ही कुर्बानी दे दी. 

फिलहाल, पुलिस ने शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच जारी है. ग्रामीण इस अलौकिक घटना से बेहद हैरान और भयभीत हैं.

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