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‘1971 का लिया बदला, शेख हसीना को सत्ता से हटाया’, बांग्लादेश को लेकर आतंकी हाफिज के संगठन का बड़ा दावा – JuD leaders claim their group involvement in Hasina ouster from Bangladesh ntc


मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा (JuD) के कुछ नेताओं ने यह दावा किया है कि उनके संगठन ने पिछले वर्ष बांग्लादेश में हुए बड़े विरोध-प्रदर्शनों में भूमिका निभाई थी, जिनके कारण तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से बाहर होना पड़ा.

दरअसल, JuD के नेता सैफुल्लाह कसूरी और संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी मुज़म्मिल हाशमी ने इस हफ्ते की शुरुआत में अपने भाषणों में यह दावा किया. उसने खुलकर बांग्लादेश की 1971 की मुक्ति संग्राम की घटनाओं का जिक्र करते हुए उसे बदला लेने का अवसर बताया.

न्यूज एजेंसी के मुताबिक कसूरी ने रहिम यार खान के अल्लाहाबाद क्षेत्र में समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैं जब चार साल का था, तब पाकिस्तान दो हिस्सों में बंट गया था. भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कहा था कि उन्होंने दो-राष्ट्र सिद्धांत को बंगाल की खाड़ी में डुबो दिया. लेकिन 10 मई को हमने 1971 का बदला ले लिया.’

उसने यह भी स्वीकार किया कि 7 मई को भारत द्वारा मुरीदके (JuD/LeT मुख्यालय) पर किए गए हवाई हमले में उनका एक साथी मुदस्सर मारा गया, जिसकी लाश के टुकड़े-टुकड़े हो गए थे. उसने कहा, ‘मुझे उसके जनाज़े में जाने नहीं दिया गया. उस दिन मैं बहुत रोया.’ 

हैरानी की बात यह है कि पाकिस्तान की पंजाब प्रांत की शीर्ष सैन्य, पुलिस और सिविल अफसरशाही ने मुदस्सर समेत तीन JuD आतंकियों के जनाज़े में कैमरों के सामने शिरकत की.

कसूरी ने कहा, “पाहलगाम हमले के वक्त मैं अपनी विधानसभा में लोगों से मिल रहा था. लेकिन भारत ने मुझे इस हमले का मास्टरमाइंड बना दिया. अब पूरी दुनिया में मेरा शहर कसूर मशहूर हो गया है. हम अगली पीढ़ी को जिहाद के लिए तैयार कर रहे हैं. हमें मरने का कोई डर नहीं.”

दूसरी ओर, गुजरांवाला में आयोजित एक सभा में मुज़म्मिल हाशमी ने भारतीय नेतृत्व को संबोधित करते हुए दावा किया, “हमने पिछले साल बांग्लादेश में आपको हरा दिया.”

हाशमी का इशारा 5 अगस्त को हुए उन विरोध-प्रदर्शनों की ओर था, जिनके बाद शेख हसीना सत्ता से बाहर हो गई थीं. रिपोर्ट के मुताबिक, हसीना भारत आ गईं और तीन दिन बाद मुहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का मुख्य सलाहकार नियुक्त किया गया.

हसीना की सत्ता से बेदखली के बाद पाकिस्तान और बांग्लादेश के रिश्तों में जबरदस्त सुधार आया है. पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक हुसैन हक्कानी ने इन बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘जिहादी चरमपंथियों की इस तरह की सार्वजनिक बयानबाज़ी के चलते दुनिया को यह यकीन करना मुश्किल हो जाता है कि पाकिस्तान अब इन ताकतों को प्रायोजित या समर्थन नहीं देता.’



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